जनसंख्या के आधार पर नेतृत्व की समाज ने की मांग
रायपुर। छत्तीसगढ़ मरार पटेल समाज, पंजीकृत समाज है। ओबीसी वर्ग का यह समाज छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के अनुपात में तीसरा स्थान पर है तथा छत्तीसगढ़ के बहुतायत जिलों में निवास करती है। लेकिन फिर भी भाजपा और कांग्रेस पार्टी हमारी उपेक्षा करती है। उक्त बाते रायपुर प्रेस कॉन्फ्रेंस में पटेल समाज के अध्यक्ष के के पटेल ने कही।
उन्होंने कहा कि हमारे समाज के लोगों को राजनीतिक दलों द्वारा सत्ता एवं संगठन में पर्याप्त भागीदारी नहीं दी गई है। भाजपा एवं कांग्रेस द्वारा घोषित 41 जिला अध्यक्ष में एक भी स्थान नहीं मिलना समाज की बहुत बड़ी उपेक्षा है। राजनीतिक दल प्रदेश संगठन के साथ-साथ प्रदेश के विभिन्न मोर्चा, प्रकोष्ठ में दायित्व प्रदान करें। पूर्व एवं वर्तमान सरकार के द्वारा समाज के लोगों को शासन निगर, मंडल, आयोगों में स्थान नहीं दिया गया है। वर्तमान सरकार अभी तक शाकंभरी बोर्ड मे अध्यक्ष एवं सदस्यों के नियुक्ति में विलंब क्यों कर रही है स्पष्ट नहीं है। कृषक कल्याण परिषद में समाज को प्रतिनिधित्व मिलना है सरकार उसका भी घोषणा तत्काल करें। शासन के शेष बचे हुए बोर्ड, मंडल, निगम, आयोग में समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिले। देश की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्री फुले के नाम पर महिला शिक्षिकाओं का सम्मान की घोषणा हो। छत्तीसगढ़ राज्य उत्सव समारोह में महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम पर अंलकरण पुरस्कार सम्मान की घोषणा हो। विगत 10 वर्षों से रायपुर में प्रदेश स्तरीय छात्रावास भवन के लिए जमीन की सतत मांग की जा रही है लेकिन सरकारों द्वारा समाज को अनदेखा, अनसुना एवं उपेक्षित की जा रही है। लगातार आवेदनों के बाद भी साकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहा है। ग्राम चरौटी बलौदाबाजार की बालिका कु. तेजस्वनी पटेल की नृशंस हत्या उसकी पैर काट कर आग में जलाकर हुई है। इस नृशंस एवं विभत्स हत्या को शासन द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया। इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री के नाम पर जिला कलेक्टर को 04 बिन्दुओं में उचित मांगों के लेकर ज्ञापन सौपा गया था किन्तु आज दिनांक किसी प्रकार के मुआवजा पीड़ित पक्ष को नहीं दिया गया है। इन सभी विषयों को लेकर मरार पटेल समाज द्वारा प्रेसवार्ता के माध्यम से शासन एवं राजनीतिक दलों को इस ओर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है।














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