जलसंसधान विभाग के मुख्यालय में टेंडर सेल के प्रभारी आलोक अग्रवाल के कारनामो से परेशान कर्मचारी, मुख्यमंत्री, मंत्री सहित भाजपा संगठन को भेजा शिकायत पत्र

खिलाफ में ईओडब्लू और एसीबी के अलावा ईडी में भी मामला दर्ज

रमन सिंह के कार्यकाल में गड़बड़ी और अनियमितता के मामले में जा चुका है जेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन और जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है। सरकार की मंशा है कि हर काम में पारदर्शिता हो और भ्रष्टाचार ना हो लेकिन जलसंसधान विभाग के मुख्यालय में पदस्थ टेंडर सेल के प्रभारी आलोक अग्रवाल सरकार की इस सोच पर पानी फेर रहे हैं। पूर्व में भी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में गड़बड़ी और अनियमितता के मामले में वो जेल भी जा चुके है। इनके खिलाफ ईओडब्लू और एसीबी के अलावा ईडी में भी मामला दर्ज है।
लेकिन कांग्रेस की 2018 में सरकार आने के इन्होंने 71 फीसदी विकलांग होने का गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर कोर्ट से जमानत हासिल कर ली थी। यही नहीं विभाग में बहाली के लिए उन्होंने सरकार को यह भी गलत जानकारी दी कि वे कभी जेल नहीं गए जबकि वो लगभग 6 साल तक जेल में रह चुके हैं।
इसके अलावा निलबन से बहाली के बाद उन्होंने एक और चालाकी करते हुए पिछले साल 2024 में अपना 2014 को आधार बनवाकर प्रमोशन ले लिया। जबकि उनसे सीनियर अफसर श्री कोष्टा का प्रमोशन 2018 में हुआ है। अब वो विभाग में टेंडर सेल का इंचार्ज होने के साथ एम आई एस सेक्सन का भी काम देख रहा है जहां से वो एल 1, एल 2, ठेकेदारों का रेट देखकर उसमे ऊपर नीचे कर अपने लोगों को उपकृत कर रहा है। उनके इस काम में प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उइके भी संलिप्त हैं। सबसे खास बात यह है कि ​हाल में खत्म हुए बजट सत्र में आलोक अग्रवाल के खिलाफ 12 ध्यानाकर्षण सूचनाएं लगाई गई थी लेकिन काेई भी चर्चा में नहीं आ पाई।
कर्मचारियों ने आलोक अग्रवाल को हटाने की मांग की है। इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, भाजपा प्रदेश महामंत्री पवन साय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों ने शिकायत पत्र दिया है।

भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, आरोपी कोई भी हो मिलेगी सजा : मुख्यमंत्री साय

बता दे की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भाजपा मुख्यालय (कुशाभाऊ ठाकरे परिसर) कुछ समय पूर्व ही बैठक में भाजपा नेताओं के बीच दो टूक कह चुके हैं कि प्रदेश की भाजपा सरकार की नीति भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की है। भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर, किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचार का आरोपी चाहे कितना ही रसूखदार हो, उसे कृत्यों की सजा मिलकर रहेगी।

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