समुद्र में बना अनोखा मंदिर, जिसकी सुरक्षा करते हैं विषैले सर्प!


जकार्ता। तनाह लोत मंदिर इंडोनेशिया का सबसे खूबसूरत प्राचीन मंदिरों में एक है। यह समुद्र देवता को समर्पित है। यह मंदिर बाली द्वीप की एक बहुत बड़ी समुद्री चट्टान पर बना हुआ है। यह मंदिर आस-पास फैली प्राकृतिक छटा की वजह से देखने में काफी सुंदर लगता है। अनुमान के अनुसार इसका निर्माण 15 वीं शताब्दी में हुआ है।
यह मंदिर जिस चट्टान पर बना है, उसका निर्माण हजारों साल के दौरान समुद्री पानी के ज्वार से हुए क्षरण के फलस्वरूप हुआ है।
इस अनोखे मंदिर के बनने की कहानी भी बेहद ही रोचक है। इस मंदिर का नाम तनाह लोत है। तनाह लोट का मतलब समुद्री भूमि (समुद्र में भूमि) होता है। यह मंदिर बाली में सागर तट पर बने उन सात मंदिरों में से एक है, जिन्हें एक श्रृंखला के रूप में बनाया गया है, जिसकी खासियत ये है कि हर मंदिर से अगला मंदिर स्पष्ट दिखता है। यह मंदिर जिस शिला पर टिका हुआ है, वह 1960 में कमजोर होकर झडऩे लगी थी, जिसके बाद मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को खतरनाक घोषित कर दिया गया था। बाद में जापान की सरकार ने इसे बचाने के लिए इंडोनेशियाई सरकार की मदद की थी। तब जाकर चट्टान के लगभग एक तिहाई हिस्से को कृत्रिम चट्टान से ढंककर एक नया रूप दिया गया।
कहते हैं कि तनाह लोत मंदिर का निर्माण १५वीं सदी में निरर्थ नाम के एक पुजारी ने कराया था। समुद्र तट के किनारे-किनारे चलते हुए वो इस जगह पर पहुंचे थे, जिसके बाद इस जगह की सुंदरता उन्हें भा गई। वो यहां रात भर ठहरे भी थे। उन्होंने ही आसपास के मछुआरों से इस जगह पर समुद्र देवता का मंदिर बनाने का आग्रह किया था। इस मंदिर में पुजारी निरर्थ की भी पूजा होती है। माना जाता है कि बुरी आत्माओं और बुरे लोगों से इस मंदिर की सुरक्षा इसकी शिला के नीचे रहने वाले विषैले और खतरनाक सांप करते हैं। कहते हैं कि पुजारी निरर्थ ने अपनी शक्ति से एक विशाल समुद्री सांप को पैदा किया था, जो आज भी इस मंदिर की सुरक्षा में तैनात है।
तनाह लोत मंदिर सागर तट पर बने उन सात मंदिरों में से एक है जिन्हें एक श्रृंखला के रूप में बनाया गया है। सूर्यास्त के समय इस मंदिर की जो आभा होती है, उसे सैलानी अभूतपूर्व कहते हैं।

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