राजधानी रायपुर में 22 खेलों पर 15 से 19 दिसंबर तक होगा खेल प्रतियोगिता का आयोजन

Sports competitions on 22 sports will be organized in the capital Raipur from 15 to 19 December.

रायपुर। आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में आज उनकें निवास कार्यलय में संचालक मण्डल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आदिम जाति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।

मंत्री श्री नेताम ने बैठक में कहा कि एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय के 4थी राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिलना गौरव की बात है। यह कार्य चुनौती पूर्ण और बेहद महत्वपूर्ण है। सबकी सहभागिता से मिलजुल कर इस चुनौती को पुरा करेंगे। उन्होंने कहा कि देश भर से आने वाले विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों, उनके कोच, टीचर और अभिभावक सहित अनेक डेलीगेट्स उपस्थित रहेंगे, जिनके आवास, आवागमन सहित अन्य व्यवस्था बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को गंभीरता के साथ अपने दायित्वों को पूरा करने के निर्देश दिए।

मंत्री श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ का भाव ‘अतिथि देव भवः‘ का रहा है। अतः राज्य का यह भाव बने रहना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों, डेलीगेट्स के लिए छत्तीसगढ़ी व्यजनों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खेल के दौरान खेल प्रतियोगिता से अलग होने वाले खिलाड़ियों को छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक धरोहरों से अवगत कराने के भी निर्देश दिए।

आदिम जाति, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने बैठक में बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के मेजबानी इस बार छत्तीसगढ़ को मिली है। यह खेल प्रतियोगिता 15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक राजधानी रायपुर के विभिन्न स्टेडियम में अलग-अलग खेल विधाओं के अनुरूप आयोजित किये जाएंगे। खेल प्रतियोगिता में 15 एकल एवं युगल तथा 7 सामूहिक खेल इस तरह कुल 22 खेलों का आयोजन किया जाएगा।

प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ‘द टाइगर ब्वाय चेंदरू‘ पर शुभंकर तैयार करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में आदिवासियों की वीर गाथा आज भी सुनाई जाती है। अबूझमाड़ की घनघोर जंगल क्षे़त्र कीे ऐसी ही एक कहानी चेंदरू मंडावी की है। जो बचपन का अधिकत्तर समय बाघ के साथ बिताता था। चेंदरू और बाघ की दोस्ती की कहानी दुनियां में मशहूर है। देश भर के लोग आज भी चेंदरू और बाघ की जुडे़ तथ्यों को जानने बस्तर आते है। चेंदरू मंडावी नारायणपुर जिले गढ़बंेगाल गांव का रहने वाला एक आदिवासी परिवार से था।

प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने बैठक में बताया कि 15 से 19 दिसंबर तक प्रस्तावित एकलव्य आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में देश के 25 राज्यों में संचालित एकलव्य विद्यालय के लगभग 6 हजार से अधिक खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है। इसके साथ 1500 से अधिक डेलीगेट्स आने वाले हैं जिसके आयोजन के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।

मंत्री श्री नेताम नेे बैठक में खिलाड़ियों एवं उनके साथ आनेवाले अधिकारियों के ठहरने, भोजन व आवागमन के साथ ही खेल स्थलों, सुरक्षा व्यवस्था, बिजली-पानी, साफ-सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि भारत सरकार, जनजातिय कार्य मंत्रालय, राष्ट्रीय जनजातिय छात्र शिक्षा समिति, नई दिल्ली द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर सामान्य जाति के विद्यार्थियों के समकक्ष लाने एवं उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से प्रदेश में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं। वर्तमान में प्रदेश में 10 कन्या तथा 06 बालक एवं 59 संयुक्त, इस प्रकार कुल 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।

बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव सह आयुक्त श्री नरेन्द्र दुग्गा, अपर संचालक श्री संजय गौड़ सहित पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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